शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित कार्य
शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित कार्य
*१) श्रीगणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं*
*२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं*
*३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं*
*४) श्रीविष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं*
*५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें*
*६) मंदिर में तीन गणेशजी मूर्ति न रखें*
*७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं*
*८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें*
*९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा न बजाएं*
*१०) एक हाथ से आरती नहीं लेना चाहिए*
*११) ब्राह्मण को बिना आसन बिठाना नहीं चाहिए*
*१२) स्त्री द्वारा दंडवत प्रणाम वर्जित है*
*१३) बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए*
*१४) घर में पूजा करने अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें*
*१५) तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर न हो*
*१६) गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है*
*१७) स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोडना है*
*१८) रजस्वला स्त्री का मंदिर प्रवेश वर्जित है*
*१९) परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें*
*२०) शिव जी की पूरी परिक्रमा नहीं किया जाता*
*२१) शिव लिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए*
*२२) एक हाथ से प्रणाम न करें*
*२३) दूसरे के दीपक में अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए*
*२४.१)चरणामृत लेते समय दायें हाथ के नीचे एक नैपकीन रखें ताकि एक बूंद भी नीचे न गिरे*
*२४.२) चरणामृत पीकर हाथों को शिर या शिखा पर न पोछें बल्कि आंखों पर लगायें शिखा पर गायत्री का निवास होता है उसे अपवित्र न करें*
*२५) देवताओं को लोभान या लोभान की अगरबत्ती का धूप न करें*
*२६) स्त्री द्वारा हनुमानजी शनिदेव को स्पर्श वर्जित है*
*२७) कंवारी कन्याओं से पैर पडवाना पाप है*
*२८) मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग दें*
*२९) मंदिर में भीड़ होने पर लाईन पर लगे हुए* *भगवन्नामोच्चारण करते रहें एवं अपने क्रम से ही अग्रसर होते रहें*
*३0) शराबी का मंदिर प्रवेश वर्जित है*
*३१) मंदिर में प्रवेश के समय पहले दाहिना पैर और निकास के समय बाया पांव रखना चाहिए*
*३२)घंटी को इतनी जोर से न बजायें कि उससे कर्कश ध्वनि उत्पन्न हो*
*३४)हो सके तो मंदिर जाने के लिए एक जोड़ी वस्त्र अलग ही रखें*
*३५) मंदिर अगर ज्यादा दूर नहीं है तो बिना जूते चप्पल के ही पैदल जाना चाहिए*
*३६) मंदिर में भगवान के दर्शन खुले नेत्रों से करें और मंदिर से खड़े खड़े वापिस नहीं हों,दो मिनट बैठकर भगवान के रूप माधुर्य का दर्शन लाभ लें*
*३७) आरती लेने अथवा दीपक का स्पर्श करने के बाद हस्तप्रक्षालन अवश्य करें*
*३८) एक ही माला से जप करना चाहिए, बार-बार माला ना बदले*
*३९) पूजा में एक ही आसन का प्रयोग करें,दूसरे का आसन ना ले*
*४०) श्री राम चरित्र मानस, गीता जी जैसे शास्त्रों को जमीन पर ना रखें।।*
*यह कुछ बातें शास्त्र सम्मत है अतः इन्हें अपनाएं।*
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*सनातन उत्थान समिति
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